Mein "Na" kyu nahi keh pata! Ab saralta se keh paege.
Swayam Jagrukta

Mein “Na” kyu nahi keh pata! Ab saralta se keh paege.

हम्मे से ऐसे कई लोग हैं जो आसानी से किसी को “Na” नहीं कह पाते।

पूरी दुनिया में समाज की धारणा ने “Na ” शब्द को नकारात्मक भावना से सम्भोधित किया है। इस प्रकार यह हमारे लिए मुश्किल हो जाता है कि हम दूसरे की आँखों में देखकर “Na” कहें। हमें लगता है कि “Na” कहने से हम कठोर लग सकते हैं या इससे दूसरों को तकलीफ हो सकती है।

आखिरकार हम दुनिया के सामने अच्छे दिखना चाहते हैं। हमारी बुनियादी मानवीय ज़रूरत है की हमें सामाजिक रूप से स्वीकार्य और पसंद किया जाये । “Na” कहने के लिए साहस और ईमानदारी चाहिए।

अंत में हम बीच का रास्ता खोजते है और अपने आप को बचाने की कोशिश करते हैं। हम या तो टालने की कोशिश करते है , अपने शब्दों में जोड़ तोड़ करते है जैसे –

यह तो बहुत अच्छा आईडिया है लेकिन मुझे आज कही जाना है।

तुम बिलकुल सही हो पर मुझे किसी ने अभी बुलाया है।

मुझे थोड़ा समय दो , में इस बारे में सोच के बताऊगी।

जबकि वास्तविक में “Na” तो केवल एक शब्द है जिसका कोई सही या गलत अर्थ नहीं है। यह शब्द सिर्फ मानवीय भावनाओं के बीच कई वर्षों से उलझा हुआ है।

नाबालिक / Teenager के रूप में – स्कूल का समय

नाबालिक का जीवन चरण यौवन के वायरल होने के साथ शुरू होता है। उनका मन करता है की उनको सब दोस्त पसंद करें। उनकी एक मजबूत सामाजिक मीडिया पहचान हो। उनका अपना ग्रुप बने और वह प्रसिद्ध हों। उनकी सोशल / social होने की सोच उनकी क्षमताओं पर हावी होने लग जाती है।

उनके स्कूल को भी लगता है कि उन्हें सब चीज़ो भाग लेने और कुछ सामुदायिक गतिविधि या कार्य का हिस्सा बनने की आवश्यकता है। उनपे बहुत सारी चीजों को करने का दबाव होता है। यह स्कूल और माता पिता के अनुसार सही है जो उनके विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

इस सभी भाग दौड़ में, एक teenager के लिए भी समझना मुश्किल हो जाता है की उनके लिए क्या सही है और क्या गलत। स्कूल के अधिकारी हर बच्चे के साथ एक जैसा व्यवहार करते हैं। लेकिन दूसरी तरफ हर कोई अलग है। उनके लिए यह विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है कि वे वास्तव में क्या करना पसंद करते हैं और नहीं । ताकि वो बचपन से अपने आप को समझ पाएं। ज़िन्दगी में सही समय पे “Na” करना भी सीखें।

माता-पिता को भी अपने बच्चों को उनकी प्रतिभा का पता लगाने देना चाहिए। हर teenager के लिए सब कुछ करना अनिवार्य नहीं है। अंतत: उन्हें एक ही करियर और जीवन का एक रास्ता चुनना होगा।

इसीलिए हर नाबालिक को “Na” समझने और कहने की आदत अपने बालपन में ही बनानी चाहिए ताकि वह अपनी आने वाली ज़िन्दगी में साय को बचा कर महत्वपूर्ण बना सकें।

महिला और हाउस वाइफ के रूप में

मैं व्यक्तिगत रूप से कई हाउस वाइफ को जानती हूं जो अपने परिवार के सदस्यों को “Na ” कहने में सक्षम नहीं हैं। शादी के बाद, आदर्श पत्नी होने की कोशिश करते हुए, एक माँ / पत्नी / भाबी वास्तविक रूप में अपनी talent /टैलेंट /आकर्षण और दूसरों पे प्रभाव खो देती हैं।

क्या होता है जब हम अपनी सच्ची भावनाओं को छिपाने की कोशिश करते हैं?

ऐसी महिलाएं सब कुछ अपने अंदर रखती हैं। हमारी इच्छाओं को लंबे समय तक हमारे अंदर रखने से शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है।

यह सबसे पहले हमारी पाचन क्रिया पर हमला करता है और एसिडिटी, गैस, सख्त मांसपेशियों जैसी समस्याओं को उजागर करता है। जब शरीर ठीक से पचा नहीं पाता, तो यह थायराइड, ट्यूमर, मोटापे जैसी समस्याओं के रूप में कचरे को जमा करना शुरू कर देता है। मध्य युग (mid age) में महिलाएं विशेष रूप से प्रजनन प्रणाली से संबंधित समस्याओं का विकास करती हैं। पूरी दुनिया में लगभग 15% महिलाओ को किसी न किसी तरह की बांझपन की समस्या का सामना करना पड़ता है। अंदर बातें रखकर कुड़ने से हमें reproductive और digestive समस्या होने लग जाती हैं।

समाज ने एक गृहिणी के लिए अदृश्य परिभाषाएं बनाई हैं कि वे पति और बच्चे की देखभाल करने के लिए हैं। उनके साथ उन्हें रिश्तेदारों का भी ख्याल रखना पड़ता है। अगर वे “Na” कहते हैं तो उन्हें आंका (judge) जाएगा।

ऐसी कई दैनिक स्थितियाँ हैं जिनमें “Na” की अति आवश्यकता होती है जैसे –

  • आपको रिश्तेदारों द्वारा दिए गए कुछ नियमों का पालन करना होगा
  • परिवार के अनुसार कपड़े पहनो
  • सभाओं में भाग लो
  • भोजन ऐसे बनाओ
  • घर की व्यवस्था, खाने की आदतें, दैनिक जीवन की दिनचर्या, बच्चों को प्रबंधित करना आदि को बदलें।

प्यार में

यह तो सबसे कठिन है क्योंकि आपका मन यह भी नहीं जानता है कि आप “Na” का भी उपयोग कर सकते हैं। आप बस अपने दिल की बात कहते हैं। अपने साथी को कुश रखने के लिए वैसे ही पेश एते है जो आपके साथी को आकर्षित करे।

सच्चा प्यार/ True Love एक दुसरे के व्यक्तित्व की स्वीकृति के साथ ही शुरू होता है।

ऐसी चीजें हैं जो किसी व्यक्ति में पहले से ही होती ​​हैं जैसे कि करिश्मा, आकर्षण, सामाजिक कौशल, संभावना। इसके विपरीत उनकी अपनी सीमाएँ हैं जिनके साथ वे खुश हैं। जैसे कि उनकी नापसंद, जीवन शैली , व्यवहार को नियंत्रित करना, सख्त नियम और अनुशासन होना।

साथी को चुनना पहले उसके बाहरी रूप से शुरू हो सकता है। लेकिन समय के साथ ही हमें पता चलता है की वह हमारे लिए सही है या नहीं।

“Na” कहना कोई गलत बात नहीं है। ये तो यह बताता है कि आप अपने साथी को अपने दिल की बात खुल कर बताना चाहते हैं । आप अपने संबंध में पारदर्शिता और खुलेपन को बनाए रखना चाहते हैं जिससे आपका रिश्ता अधिक मजबूत और सम्मानजनक हो।

ऑफिस में

ज़रूर। यह बहुत जल्द किया जाएगा।

हाँ आप सही है

ये तो बहुत अच्छा आईडिया है !

कितनी बार आपने अपने कार्यालय में उपरोक्त कहा है जबकि आप वास्तव में ये कहना चाहते थे –

“Na”,ये तो में कभी भी न करू

तुम बिलकुल गलत हो और तुम्हारा कथन समय बर्बाद करेगा

एकदम बेकार आईडिया है , ऐसा कैसे सोच लेते हो

2 अक्षर का शब्द कहने में कठिनाई हो सकती है, लेकिन कार्य स्थल पर इसका उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योकि –

  • यह न केवल आपके अच्छे समय प्रबंधन को दिखाता है बल्कि आपके काम और प्राथमिकताओं की आपकी समझ भी बताता है।
  • “हां” कहना आपके दिमाग में चल रहे काम से ध्यान भटका देता है।
  • एक सर्वे के अनुसार जब आप किसी से मिल कर काम पर वापस आते हैं तो आपको वापस ध्यान लगाने में न्यूनतम 30 मिनट लगते हैं।
  • यह आपको अपना और दूसरों का समय बर्बाद करने से बचाता है।
  • सिंपल Na कहने से आपका दिमाग सोचने के mode में नहीं जाता।

हर रोज़ कम से कम 1 पल ऐसा आता है जब हमें Na कहने का मन करता है लेकिन हम हाँ कहते हैं। हम अपनी इच्छा शक्ति के खिलाफ जाते हैं। जाहिर तौर पर हमारा मन हमारे साथ नहीं है।

अब आप बिना किसी भारी मन के “Na” कह पाएंगे –

१. आत्म जागरूकता – अपने लिए शोध करते रहें

अपने आप को स्वीकार करें जैसे आप हैं – अपनी प्रतिभा और कमजोरी को जानें। जानिए कि आप क्या कर सकते हैं और क्या नहीं, आपका ब्रेक इवन पॉइंट ( break even point ) क्या है। अपने आप खोज कभी खत्म नहीं होसकती। आप जीवन के लिए सही दिशा और नियम बनाने के लिए अपना स्वॉट बनाने का भी प्रयास कर सकते हैं।

२. इसे कागज पर लिख लें

यह देखा गया है कि हम पहले ही स्थिति के नतीजों का विश्लेषण करने में सक्षम नहीं हैं। हम बस वो काम करते हैं। परिणाम के बाद हमें एहसास होता है कि यह हमारे लिए नहीं था।

लोगों की गलतियों से सीखें क्योंकि हमारे पास इतना लंबा जीवन नहीं है कि हम उन सभी को खुद से कर के सीखे।

एक बार जब हम खुद पर शोध कर लेते हैं, तो हमें इसे स्मृति में बदलने के लिए इसे कागज पर उतारने की आवश्यकता होती है। आपको क्या पसंद है और ऐसी कौन सी चीज है जो आप जीवन में नहीं करेंगे। ऐसी कौन सी चीज है जो आपको बहुत परेशान करती है, आपका ध्यान भंग करती है। जीवन के लिए अपने Na का पता लगाएं।

३. जीवन में नियम रखें

जीवन को अपने हिसाब से जीने के लिए नियम होना आवश्यक होता है । जैसे आप रात 8 बजे के बाद काम नहीं करेंगे , आप सिगरेट नहीं पीते , आप सुबह ७ बजे से पहले ही उठेंगे ।

लोगों को उन नियमों की जानकारी दें। इससे लोग आपके बारे में नकारात्मक सोचने के बजाय आपको अधिक आदर्श बनाएंगे। इससे यह आभास होता है कि आपकी अपनी नैतिकता और विश्वास प्रणाली है। आप उसी के अनुसार काम करते हैं। लोगों को पहले से ही अंदाजा होगा कि आपको कब और क्या अच्छा लगता है। यह वास्तव में आपके जीवन को आसान बना देगा।

४. हाँ या ना बोलने से पहले सोचें और फिर ही बोलें

दूसरों को जवाब देने से पहले विराम लें। यह आपके मन को समस्या को समझने के लिए कुछ समय देता है की आपको वो काम करना चाहिए या नहीं।

जब हमसे सवाल पूछे जाते हैं तो हमारा अवचेतन मन तुरंत जवाब या समाधान खोजने लगता है। यह हमारी आत्मा का शुद्ध रूप है जो “ना” शब्द को नहीं समझता । यह विश्लेषण नहीं करता है कि यह उन चीजों के लिए NO कह सकता है जो यह सोचना नहीं चाहता है।

५. एक कैलेंडर बनाएं जो सभी को दिखाई दे

समय-समय पर एक कैलेंडर बनाएं जिसमें निम्नलिखित चीज़े शामिल हो –

  • Busy Time :जब आप पूरी तरह से व्यस्त हैं। यह उस दिन का अपना फोकस समय /focus time हो सकता है जब आपको कठिन विषयों के विश्लेषण और सीखने के लिए उस समय को समर्पित करने की आवश्यकता होती है।
  • Coordination Time /समन्वय का समय। कार्यालय में आप लोगों को बताने के लिए Google कैलेंडर साझा कर सकते हैं जब वे आपके साथ मीटिंग सेट कर सकते हैं या कैलेंडली/ Calendly आदि apps का उपयोग कर सकते हैं।
  • Family Time /परिवार का समय – Teenager या गृहिणी के रूप में आप अपने परिवार के समय या व्यस्त समय – whatsapp status के ज़रिये दूसरों को बता सकते हैं। जैसे 4 – 7 बजे व्यस्त।
  • Free Time /खाली समय – इस समय आपको सोशल मीडिया पर, कुछ मनोरंजन आदि के लिए बातचीत करते हुए देखा जा सकता है।

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