Subconscious(अवचेतन) mind
Swayam Jagrukta

Hamara Subconscious(अवचेतन) mind kese seekhta hai?

हमारा subconscious mind यानि अवचेतन मन हमें हमारे 90% समय नियंत्रित करता है। 

इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम यह समझें कि हमारा subconscious mind कैसे काम करता है और कैसे सीखता है।

subconscious mind के पास कोई भाषा नहीं होती है।  तो हम उसे कैसे समझा सकते हैं कि क्या करना है और किस चीज़ से बचना है। हम वास्तव में autopilot mode (ऑटोपायलट मोड) से कैसे बाहर निकल सकते हैं। हम  उन चीजों को करना शुरू कर सकते हैं जो हमारे जीवन का उद्देश्य खोजने के लिए आवश्यक हैं।

हमारा subconscious mind मूल रूप से निम्नलिखित के आधार पर सीखता है –

1.Instinct या वृत्ति 

हमारेअंदर एक animal instinct या survival instinct होता है। ये instinct  किसी मानव या पशु को विशेष रूप में प्रतिक्रिया करता है। उदाहरण के लिए यदि हमारे पास निम्नलिखित स्थितियाँ हैं –

  • हम एक बहुत महत्वपूर्ण रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं जिसे अगले दिन प्रस्तुत किया जाना है
  • हमें भूख लगने लगती है
  • अचानक तेज भूकंप आता है

हमारे दिमाग को इन तीनों के बीच कार्य को समझने और प्राथमिकता देने में समय नहीं लगेगा। हमारा subconscious mind गैर-महत्वपूर्ण चीजों को नज़रअंदाज़ कर देगा और सबसे पहले भूकंप के कारण सुरक्षित स्थान की ओर भाग जाएगा। यह अपने आप ही बिना कुछ सोचे-समझे हो जाएगा, जैसे कि एक रिफ्लेक्स एक्शन (reflex action) होता है ।

वृत्ति कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे हम सीखते हैं, वह पहले से ही होती है। पुराने मानव जिनके पास कोई भाषा नहीं थी, वे तब भी खतरनाक जानवर से दूर भागते थे या मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों से खुद को छिपाते थे। उनके पास समझ नहीं थी लेकिन उनके पास instinct /वृत्ति थी जो उनके जीवित रहने के लिए महत्वपूर्ण थी।

Enneagram (एक personality type model ) के अनुसार मनुष्यों के मूल प्रकार के 3 प्रकार हैं:
  • Self Preservation  यानि स्व संरक्षण – हम सब की यह ज़रुरत होती है की हम अपने पर्यावरण से सुरक्षित रहे, हमारा शरीर, स्वास्थ्य, धन सुरक्षित रहे
  • Social यानि सामाजिक – समुदाय का हिस्सा बनने की चाह, दूसरों से स्वीकृति, रिश्ते, दोस्ती, दूसरों पर निर्भरता
  • Sexual यानि यौन – उत्तेजना, अंतरंगता, पूर्ण भागीदारी और गहरा जुनून
2)  Natural behaviour यानि प्राकृतिक व्यवहार 

अर्थात् वह Natural behaviour  जिसमें एक मानव / पशु व्यवहार करता है। हमें भगवान ने एक प्रकार से ही बनाया है , जहां हम दूसरों के सामने अपने बारे में पहले सोचते हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई हाथी 10 अज्ञात लोगों के समूह के पीछे भाग रहा है, तो वे सभी अपने जीवन के लिए दौड़ेंगे। जो सबसे धीमा है या जो भाग नहीं सकता, उसके बारे में नहीं सोचेंगे।

जब हम भावनात्मक रूप से आहत होते हैं, तो हम एकदम से खुश हो कर हँसना शुरू नहीं कर सकते हैं। हम समय लेते हैं। हम भूल करते हैं और ग़लतियाँ करते हैं। जब हम गिरते हैं, तो हमें चोट लगती है और दर्द होता है। जब कोई डरावना शोर होता है, तो एक बच्चा भी रोने लगता है। यह इंसान का मूल स्वरूप होता है। 

3) Emotions and Feelings यानि भावनाए

हमारा subconscious mind विभिन्न भावनाओं के अनुभव के माध्यम से शुरू होने वाले कंपन से सीखते हैं। उदाहरण के लिए यदि हम अच्छा महसूस कर रहे हैं, तो हमारा मस्तिष्क dopamine / डोपामाइन नामक एक हारमोन को निकलता है जो subconscious को संदेश देता है कि सब कुछ अच्छा हो रहा है। जब हम कुछ करते हैं और अगर उसकी तिक्रिया अच्छी नहीं होती है, तो हमारा subconscious mind हमें उसे दोहराने नहीं देता क्योंकि वह सुरक्षित महसूस नहीं करता है।

अगर हम अपने conscious mind yani चेतन मन द्वारा अपनी भावनाओ को नियंत्रित कर ले तो हम अपने subconscious mind को भी  नियंत्रित  करने में सक्षम होंगे।

4) Habit यानि आदतें 

subconscious mind हमारी आदतों के माध्यम से सीखता है। जब हम चीज़ो को एक लम्बे समय तक दोहराते है तो वो हमारी आदत बन जाती है।

हम अपनी वृत्ति /instinct  या प्राकृतिक व्यवहार /natural behavior  को उस तरह से नियंत्रित नहीं कर सकते जैसे हम चाहते हैं।  लेकिन लंबे समय में हम अपने आप को सुधार ज़रूर  सकते हैं। पर्यावरण को लम्बे समय से  समझने, महसूस करने और न्याय करने में अब तक मनुष्य भी बदल गया है और विकसित हो गया है।

Early man / पुराना मानव को जब कुछ चाहिए होता था तो वह बस उसे हड़पने के लिए तैयार रहता था। जैसे उसे अगर कुछ खाना है तो वो खा लेगा , वो किसी से पूछेगा नहीं।  फिर धीरे धीरे  समाज के rules या मानदंड आए। स्वीकृति और सहमति की अवधारणाएं आईं। मनुष्य अपनी यौन प्रवृत्ति को छिपाने और समाज में स्वीकार होने के अनुसार व्यवहार करने लगा ।

इस प्रकार के परिवर्तनों को ढलने और बदलने में दशकों लगे हैं। आप इस तथ्य से भी संबंधित कर  सकते हैं कि आजकल के बच्चे अपनी भावनाओं को समझने में होशियार हैं। यदि अन्य लोग उनका मजाक उड़ा रहे हैं, उन्हें जल्द ही पता लग जाता है । जिन चीज़ो को हम अपने कॉलेज के समय में समझते थे, आजकल के बच्चे स्कूल कक्षाओं में ही समझ जाते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कितना सीखते हैं और अलग-अलग व्यवहार करते हैं, हमारी मूल प्रवृत्ति एक ही रहेगी।

यदि हम वास्तव में अपने subconscious mind को नियंत्रित करके अपने जीवन को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो हमें केवल 2 विकल्पों पर ध्यान देने की आवश्यकता है –

  1. हमारी भावनाओं को नियंत्रित करना
  2. हमारी आदतों को बेहतर बनाना या बदलना के लिए 

 नया habit यानी आदतों को बनाने की प्रक्रिया को समझने के लिए कृपया अगला लेख पढ़ें।

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