![top 10 negative emotions kya hai unko kese manage kare](/wp-content/uploads/2020/05/negative-emotions-hi.png)
Top 10 Negative emotions kya hai? Unko manage kese kare
Negative emotions ya नकारात्मक भावनाएं कई प्रकार के होती हैं।
ऐसे कई लोग है जो हर समय negative ज़ादा सोचते हैं। उनकी गलत सोच उनपे ज़ादा हावी होती है। चाहे हम जितना सोचें की हम तो अच्छे है लेकिन कभी ना कभी हमारे अंदर की negative साइड भी बहार आती है। हमने इंसान होने के नाते अपनी ज़िन्दगी में किसी न किसी को दुःख या परेशानी पहुंचे होती है । चाहे हम उसको पहचाने या नहीं।
आज हम 10 प्रमुख Negative Emotions के बारे में चर्चा करेंगे, जो हम सभी अपने जीवन के किसी समय पर प्रदर्शित करते हैं।
Negative Emotions हमें कैसे प्रभावित करती हैं? इन नकारात्मक भावनाओं को हमें उसी समय ठीक करना चाहिए जिस समय वह शुरू हो रही हो।
सचेत स्तर पर/ At Conscious level
एक काम्बे समय तक अगर हम Negative emotions को महसूस करते हैं तो हमारे अंदर एक तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है। हमारे विचार हमें एक विशेष तरीके से एक स्थिति का एहसास कराते हैं जिसे धारणा यानि perception कहा जाता है।
हम एक स्थिति के बारे में या तो सकारात्मक या नकारात्मक सोच सकते हैं। यह वास्तव में सही और गलत सोचने के लिए तय करके हमारे चेतन मन द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। यह वह स्तर है जहाँ हमें अपनी भावनाओं को सही दिशा की ओर प्रबंधित करना चाहिए।
इसे हम controlling level या नियंत्रित स्तर भी बोल सकते है। क्युकी अपनी स्तिथि को हम यहाँ पे अपने हिसाब से बदल सकते हैं।
अवचेतन स्तर पर / At Subconscious Level
समान विचारों की पुनरावृत्ति पर, हम कुछ प्रकार की नियमित भावनाओं को विकसित करते हैं। जो भी विचार हम जादातर समय में सोचते है वोही हमारे व्यक्तित्व को जनम देता है। ये भावनाएँ हमारे चेतन मन से हमारे अवचेतन मन में घुस जाती हैं। अर्थात हम स्थिति को अच्छे से समझे बिना ही उसी गलत तरीके से महसूस करते हैं।
यह स्तर में झाकना थोड़ा मुश्किल है पर फिर भी हम अपने thoughts/ सोच को नियंत्रित कर सकते हैं। अपनी सोच को सकारात्मक दिशा में बदल सकते हैं।
यह तब होता है जब हम अपनी सोच बार बार सकारात्मक बनाएं । अपने subconscious मन को सही गलत का भेद समझाएं, इत्यादि।
अचेतन स्तर पर/ At Super-conscious Level
हमारा तीसरा चरण – Super conscious mind को हम unconscious mind भी बोलते हैं। एक बार जब ये negative emotions हमारे अचेतन मन में प्रवेश कर जाती हैं तो वे हमारी स्मृति का हिस्सा हमेशा के लिए बन जाती हैं। हम अपने मन के इस स्तर तक नहीं पहुँच सकते। इसलिए इस स्तर पर हमारी भावनाओं को बदलना बहुत मुश्किल हो जाता है।
अपने कभी महसूस किया होगा की कभी कभी अपने बहुत ज़ादा भावनातमत व्यव्हार किया। आपको पता था की उस व्यव्हार की ज़रुरत नहीं थी। लेकिन आप ये समझ भी नहीं पाए की ऐसा अपने क्यों किया। ऐसा करना हमारे unconscious mind की कोई पुराणी याद हो सकती है जो हम भूल चुके हो लेकिन फिर भी वो हमारे जीवन का हिस्सा हो।
इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जिस क्षण हमें यह महसूस हो कि नकारात्मक भाव उत्पन्न हो गया है; उसी क्षण हमें इसे बिना किसी देरी के सकारात्मक रूप से प्रसारित करना होगा।
आइए समझते है की ये टॉप 10 negative emotions क्या है और उनसे हम कैसे जुजे –
१. आलोचना करना / criticizing
आलोचना / निंदा करना करना लाभदायक भी हो सकता है या बाधा भी उत्पन्न कर सकता है। आलोचना करने वाला व्यक्ति हर स्तिथि को निन्दनिये रूप में पहले देखता है।
इससे निराशावादी व्यवहार बन जाता है। जोखिम भरे फैसले लेने में आपकी विचारधारा डगमगाती है।
उदाहरण – ऐसे कई माता-पिता हैं जो अपने बच्चों के लिए अधिक सुरक्षा की भावनाओं के कारण आलोचना करते हैं। लेकिन लंबे समय में उन्हें एहसास नहीं होता है कि अगर बच्चा जोखिम नहीं उठाएगा तो सीखेगा कैसे। यह उसकी वृद्धि में बाधा बन सकता है। बच्चों में आत्मविश्वास काम हो सकता है।
- ऐसे में हमें किसी भी स्तिथि की आलोचना करने से पहले उसको अच्छे से समझना चाहिए।
- फिर उसके बुरे व अच्छे पॉइंट्स निअक्लने चाहिए।
- उसके बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए।
२. उदासी / दुःख / Sadness
दुःख / आपत्ति / निराशा में हम मौन हो जाते है। हमारे कुछ अच्छा नहीं लगता और अपने चारो और की कृषि हम नहीं देख पाते। । उदास होने का मूल कारण खोजना महत्वपूर्ण है क्युकी उसी उपज को हमें सकारात्मक सोच से भरना होता है ।
जो लोग ज्यादातर समय दुखी रहते है वह मूल कारण को भूल चुके होते हैं। वे आम तौर पर सभी छोटी समस्याओं को होने दुःख से जोड़ते हैं। वह महसूस करते हैं कि वे तो अच्छा करते हैं लेकिन नकारात्मक और गलत चीजें उनके साथ होती हैं। उन लोगों के साथ सहानुभूति रखना और आगे बढ़ना बेहतर है।
३. जोड़-तोड़ / हेरफेर करना / manipulation
manipulation या हेरफेर का मतलब है – अपने लाभ के लिए स्थिति के तथ्यों को बदलना या घुमाना । एक manipulative इंसान बोलता कुछ और है , सोचता कुछ और , करता कुछ और हैक।
जब कोई व्यक्ति नियमित रूप से चीजों में हेरफेर करता है, तो यह उसकी आदत बन जाती है। व्यक्ति इस आदत का प्रयोग उन स्थानों पर भी करना शुरू कर सकता है जहाँ आवश्यकता नहीं है।
यहां तक कि एक अच्छा व्यक्ति भी manipulate कर सकता है। क्योंकि एक अच्छा इंसान चाहता है कि हर कोई खुश रहे। ऐसा करने के लिए इस प्रकार के व्यक्ति अलग-अलग लोगों के सामने, एक ही जानकारी प्रस्तुत करने के तरीके में हेरफेर कर सकते हैं। लेकिन जब उनका सच पकड़ा जाता है तो वो बुरे बन जाते है।
४. ईर्ष्या/ द्वेष /जलना /Jealousy
जब हम किसी से ईर्ष्या करते हैं/ कुढ़ते हैं – तो हम उस व्यक्ति का अधिक विश्लेषण करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम यह सोचने में अधिक समय बिताते हैं कि दूसरे के पास हमसे अधिक क्यों है। हम इस बारे में नहीं सोचते कि हमारी विशेष और अलग प्रतिभा क्या है। जो लोग ज्यादातर ईर्ष्या की स्थिति में होते हैं उन्हें अपनी प्रतिभा और कमजोरी के बारे में पता नहीं होता है। वे ईर्ष्या करने वालों को सोचने या परेशान करने में बहुत समय बर्बाद करते हैं। ईर्ष्या के बजाय हम उस व्यक्ति से प्रभावित हो कर अच्छे लक्षण सीख सकते हैं। हम खुद आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा ले सकते हैं ।
५. गुस्सा करना /क्रोध / रोष/ Anger
एक बहुत तीव्र भावना है जहाँ हमारे शरीर में एड्रेनालाईन और दिल की धड़कन बढ़ जाती है। कुछ मामलों में यह हमारे लिए उपयोगी हो सकता है क्योंकि यह हमारी हताशा को बाहर निकालने में मदद करता है और हमें भीतर से हल्का बनाता है। जैसे उन स्थितियों में जहाँ हमें खुद का बचाव करना है या कोई हिंसा नहीं करनी है। लेकिन ज्यादातर मामलों में यह एक मजबूत नकारात्मक ऊर्जा के लिए हमारे सभी ध्यान केंद्रित करता है। गुस्सा एक विकार की तरह है जो तनाव, बीपी, चिंता, सिरदर्द, पेट दर्द और कई समस्याओं को जन्म देता है जहां हम खुद को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं हैं। जैसा कि क्रोध के कारण हैं, क्रोध प्रबंधन की कई रणनीतियां मूल कारण और प्रभाव का पालन करती हैं।
६. भय / डरना / Fear
जब हम 1 चीज के लिए डर विकसित करना शुरू करते हैं; हम अन्य चीजों के लिए भय का शिकार हो जाते हैं। ऐसा क्यों होता है? क्योंकि हम अपने मुख्य डर से सब जोड़ रहे होते हैं। डर संकट या दर्द की एक डूबती हुई भावना है जो हमें अंदर से खाने लग जाती है ।
हमारा डर वास्तविकता के बजाय हमारी कल्पना से अधिक होता है। कोई भी घटना इतनी डरावनी नहीं होती जितना हम उसको अपने मन में बना लेते हैं। अत्यधिक मामलों में हम डर का सामना कर के ही अपने डर को मार पाते हैं या उसका प्रभाव कम कर पाते हैं।
७. चिंता / Anxiety / Panic
चिंता ऐसे negative emotions में से है जो मन में विचलित करने वाले विचारों की पुनरावृत्ति करती है। यह हमारे शरीर के साथ-साथ मन में तनाव पैदा करती है। चिंता का एक छोटा स्तर जो हमें बेहतर तैयार करने में मदद करता है, उसे अच्छा माना जा सकता है। उदाहरण के लिए मंच पर प्रदर्शन, नौकरी के लिए इंटरव्यू, शादी, नए स्कूल में पहला दिन आदि।
लेकिन आम तौर पर यह हमारे मन में एक बड़ा रूप ले लेता है। तब कोई व्यक्ति सही सोचने में सक्षम नहीं हो पाता। यही वह समय है जब हमें ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए। हमें पहले शांत हो कर फिर पूरी स्थिति को समझना चाहिए । जिसके लिए हम अपने माता पिता , कोई सायना या गूढ़ व्यक्ति की मदद ले सकते हैं।
८. आत्म त्याग या अकेलापन / Loneliness
कई लोग, जब वे समस्याओं का सामना करते हैं, तो खुद को सबसे पहले अकेला करने की कोशिश करते हैं। लेकिन कुछ समय बाद उन्हें लगता है कि कोई भी उनकी परवाह नहीं करता है। यह एक बहुत ही सामान्य भावना है। यहाँ एक व्यक्ति पहले परिवार और दोस्तों से बचने की कोशिश करता है। इससे दूसरों को यह आभास होता है कि उस व्यक्ति को अपना समय चाहिए। दूसरों को यही संदेश मिलता है कि एक बार वे ठीक महसूस करेगें तो अपने आप बात करने आ जाएगें।
लेकिन दूसरी तरफ वही व्यक्ति महसूस करने लगता है कि कोई भी उनसे उनकी समस्या के बारे में नहीं पूछ रहा है। वे इस दुनिया में अकेले हैं। इसी को हम अकेलापन कहते है।
इसके विपरीत जो लोग आत्म जागरूक और परिपक्व होते है वह अकेले रह कर – अपने साथ ही ज़ादा खुश रहते हैं। वह आत्मज्ञान के लिए अधिक से अधिक मोह माया का परित्याग करते हैं।
जब किसी से कुछ भी उम्मीद किए बिना और सकारात्मक उद्देश्य के लिए आत्म-परित्याग किया जाता है तो यह अच्छा है। इस मामले में अकेलेपन की भावना नहीं है। इसे स्वयं जगरूख / self aware होना कहा जाता है।
९. नफरत करना / Hate
कभी-कभी हम किसी व्यक्ति या चीज़ के लिए जबरदस्त नफरत पैदा कर लेते हैं। कारण यह हो सकता है कि व्यक्ति या चीज ने हमारे जीवन में कुछ दर्द / समस्या पैदा की है। या कोई व्यक्ति हिंसक हो जिसने हमारी शांति छीन ली हो ।
- यदि वह व्यक्ति हमारी ज़िन्दगी में अब नहीं है या हमारा अतीत है तो hate भावना को अंदर पलने का क्या फायदा। अब तो वो स्तिथि ख़तम हो चुकी है।
- अगर वह व्यक्ति जिससे हम नफरत करते है हमारे आस पास तो हमें उसका हल ढूंढ़ना ज़रूरी है।
- उसका और अगर यह या तो उस व्यक्ति को क्षमा करके या उसे भाग्य पर रखकर किया जा सकता है। नफरत एक आत्म विनाशकारी भावना है, जहां हम उस व्यक्ति या चीज के बारे में बुरा सोचते हैं, जिसे हम उस समय भी नफरत करते हैं जब उन्होंने हमें लाभ प्रदान किया है।
१0. अधिक सहानुभूति / Over sympathizing
कुछ लोग सहानुभूति दिखते हैं, जिसकी आवश्यकता नहो होती। ऐसे लोग किसी के लिए भी “नहीं” शब्द का उपयोग नहीं कर पाते हैं। सभी दुखी / क्रोधित / अकेले / भयभीत लोग पहले ऐसे लोगो के पास ही जाते हैं ताकि उन पर अपनी समस्याएं लाद सकें। एक सहानुभूति रखने वाला व्यक्ति सभी की समस्याओं को सुनता है और उनके दर्द को महसूस करता है।
जो इंसान हमेशा अपना समय , अपना सकून दूसरों के लिए लिए निशावर करता रहता है उसके पास खुद के लिए कुछ नहीं बचता। ऐसे इंसान कहते है कहते हैं उन्हें दूसरो को देना अच्छा लगता है और वह इसी में खुश हैं। लेकिन समय बीतने पे वह घुटन महसूस करने लगते है। उनका बांध जब कुछ महीनो बाद टूटता है तो वह अपनी भावना को व्यक्त नहीं कर पाते।
ऐसे लोगो ने मांगना तो सीखा ही नहीं। वह तो बस देते आएं हैं। उस समय अगर वो अपनी अंदर की बात व्यक्त करें तो वह बुरे बन जाते है। और महीनो या सालों की मेहनत ख़राब हो जाती है ।
यह बहुत महत्वपूर्ण है की हम लोगो को सलाह दें और उनको मदद करें। लेकिन हम खुद को उनकी समस्या में न डालें की हम पर भी उसका गलत जाये। जैसे ये काम अपने खाली समय पे करें ताकि हमारे खुद के काम भी चलते रहे। समय सीमित रहें इत्यादि।
अगर आपने नीचे दिए गए प्रशनो के बारे में कभी सोचा हैं तो अगला आर्टिकल पढ़ें –
- दुखी / अकेले या भावनात्मक व्यक्तियों के साथ केसा व्यव्हार करें ?
- negative emotions वाले व्यक्तियों के साथ खुश कैसे
- या ऐसे लोगो को मदद करने के साथ , खुद का भी भला कैसे करें
- हमें emotionally weak/ अत्यधिक भावनात्मक लोगो को कैसे manage करना चाहिए।
![Emotionally weak logo ko kese manage kare](/wp-content/uploads/2020/06/help-75x75.jpg)
![Buri habit kese hataye](/wp-content/uploads/2020/05/habit--75x75.jpg)