ham procrastination kyu karte hai
Swayam Jagrukta

हम टालते क्यूँ रहते हैं, Procrastination को end करने के लिए 10 tips

हम टालते क्यों हैं या हम procrastination क्यों करते है ?

हम सभी ने इसके बारे में जरूर सोचा होगा। क्या आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि आप वह हासिल नहीं कर पा रहे हैं जो आप वास्तव में चाहते हैं?

क्या आपने सोचा है कि आपके पास कैरियर, परिवार, आय का नियमित स्रोत है लेकिन फिर भी आप संतुष्ट नहीं हैं। आपका जीवन पूर्ण नहीं लगता है?

ऐसे बहुत से लोग हैं जो नौकरि के लिए जाते हैं, व्यापार करते हैं लेकिन खुश नहीं हैं। हमें ज़िंदगी में भाग तो रहे हैं पर हमें नहीं पता की पहुँचना कहा है। हमें इसकी खोज करनी है कि क्या हम वास्तव में अपने जुनून को जी रहे हैं या नहीं?

हम कौन से कार्य में procrastination करते हैं?

हम आम तौर पर उस काम में procrastination करते हैं जो हमारे लिए नया है । हम सोचते हैं; अगर हम असफल हो गए तो क्या होगा। लोग हमारा मजाक उडाएगे।  

हम उन कार्य में procrastination कर देते हैं, जिसमें हमें बहुत मेहनत करनी  है। 

वो काम  मुश्किल होते है 

काफी ऐसे काम जो बहुत ज़रूरी है लेकिन उसे करने में हमारा मन नहीं लगता। 

हम ऐसा क्यों करते हैं?

हम सभी जानते हैं कि हमारा दिमाग दो भागों में बटा हुआ है:

1) एक conscious mind  यानि चेतन मन जो हमारे जीवन को केवल 10% नियंत्रित करता है। 

2) दूसरा भाग subconscious mind यानि अवचेतन मन है जो हमारे जीवन के 90% को नियंत्रित करता है। 

उदाहरण

एक गृहिणी को नृत्य/ डांस  का शौक है और वह डांस टीचर बनना चाहती थी ताकि वह भी कमा (earn) सके।

उसका चेतन मन जो हमारे मस्तिष्क का महत्त्वाकांक्षी हिस्सा है, उसे दोहराता है कि वह काम क्यों नहीं कर रहा है। उसे नृत्य में कई पुरस्कार मिले हैं और वह एक शिक्षक बन सकती है कमा भी  सकती है।

लेकिन अगले ही पल उसका अवचेतन मन उसे बताता है; “मुझे सुबह उठना होता है , घर को साफ़ करना, खाना बनाना होता है।” बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करना , खाना पैक करना और पति को काम के लिए भेजना होता है। वह सोचती है किसी बड़े काम को करने के लिए न तो उसके पास समय है और न ही ऊर्जा। उसके पास टीचर बनने के लिए कोई सर्टिफ़िकेट भी नहीं है । अब अपनी जीवन शैली को बदलने में बहुत देर हो चुकी है।

अंत में अवचेतन मन चेतन को काबू कर लेता है और वह अपने सपनों में देरी करती रहती है।

हमारा अवचेतन मन संभव सफलता पर ध्यान केंद्रित नहीं करता है बल्कि यह उन सभी संभावित समस्याओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है। यह अंदर ही उन सभी समस्याओं को बड़ा बनता रहता है।

ऐसा तब होता है जब हम काम को करते नहीं पर सोचते ज़ादा हैं।

Procrastination की आदत को समाप्त करने के 10 tips:

1.जीवन में लक्ष्य (goal ) बनाओ और सपने देखो 

पहले हमें जीवन में उचित समय के साथ कुछ लक्ष्य रखने चाहिए। हमें लक्ष्य लिखना होगा और सही लक्ष्य बनाना / goal setting करनी होगी । हम अलार्म सेट कर सकते हैं या उनको सामने लिख सकते है ताकि हमारा ध्यान बार-बार हमारे goal की तरफ जाए।

2. अपने लक्ष्यों को उप लक्ष्य में तोड़ो / make subgoals 

उपरोक्त उदाहरण में गृहिणी खुद को डांस टीचर  होने का एक बड़ा लक्ष्य देती है। यह लक्ष्य हासिल करना बहुत मुश्किल लगता है। इसलिए वह अपने आप को एक छोटा लक्ष्य दे सकती है।  जैसे उसके पड़ोसी अपने बच्चे उसके घर पर छोड़ सकते हैं। वह उन्हें डांस सीखा सकती है और कमा भी सकती है। इसके साथ ही वह दिन में 1 घंटा डांस का कोर्स कर सकती है।

3. मल्टीटास्क न करें/ Stop Multitasking

यदि आप विभिन्न प्रकार के काम एक साथ कर रहे हैं तो वास्तव में आप किसी भी काम पर पूरा ध्यान नहीं दे रहे हैं। यहाँ पूरी संभावना होती है कि आप सबसे आसान काम उठाते हैं और कठिन और महत्वपूर्ण में procrastination कर देते हैं।

4. अपनी सेहत का ख्याल रखें

जब हम अपनी सेहत का ख्याल नहीं रखते , हम आलसी हो जाते है। ऐसे में हम अपना ध्यान बहुत आसानी से खो देंगे। उचित आहार लें, बहुत सारा पानी पिएं , हरी संजी और फलो का सेवन करें । जब हम शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं तो हमारा दिमाग तरोताजा रहता है। हम बेहतर सोच पाते हैं, बेहतर ध्यान केंद्रित करते हैं और अंततः जीवन में बेहतर हासिल कर पाते हैं।

5. प्रेरक से सीखें 

  हम  सभी  का कोई रोल मॉडल होता है या प्रेरक होता है जो हमें inspire करता है की हमें आगे बढ़ते रहना है। जो आपके सपनों को आगे बढ़ाने और उनके प्रति काम करने के लिए प्रेरणा दे ऐसे प्रेरक ज़रूर खोजे। कहते है हम सब को एक गुरु की आवश्यकता होती है। हम अपने प्रेरक को भी गुरु मान के आगे बढ़ सकते हैं। 

6. इच्छा शक्ति/ Will Power बढ़ाए  –

अच्छी इच्छा शक्ति वाले लोग आसानी से टूटते नहीं हैं। वे ऐसे हैं जो अपनी विफलता से सीखते है।  असफलता उनके सर नहीं चढ़ती क्युकी वह काम को एक अलग तरीके से करने की कोशिश करते है  जिससे सफलता मिले । वे या तो सफल होते हैं या वे सीखते हैं लेकिन वे कभी टूटते नहीं हैं।

7. नकारात्मक सोच वाले लोगों से दूर रहें और खुश रहे 

हम आमतौर पर अपने आस-पास के लोगों से विचलित हो जाते हैं। कई दोस्त, रिश्तेदार या परिचित होते हैं जो हमारे काम में बढ़ा सदालते रहते हैं। वे उस काम के लिए हमारे दिल में डर पैदा करते हैं। वे हमें बताते हैं कि हम असफल होंगे क्योंकि उन्होंने कोशिश की और वह असफल हो गए। हमारा अवचेतन मन हमपे  हावी हो जाता है।  वह इसी तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वह हर उस चीज़ पर विश्वास करता है जो  वह सुनता और महसूस करता है। हमारा मन खुद ही हमें अपने लक्ष्य हासिल करने से विचलित करने लगेगा। इसलिए उन लोगों से दूरी बनाए रखना ही अच्छा है।

8. एक दिनचर्या रखें / Have a routine

आपका अवचेतन मन वास्तव में दोहराव और दिनचर्या को पसंद करता है। याद है हमें स्कूल में टाइम टेबल दिया जाता था।   बस वैसे ही हमें अपना एक समय सीमा के अनुसार टाइम टेबल बनाने की ज़रुरत है। ऊपर दी गई गृहिणी उदाहरण के लिए – 7-8 बजे तक वह घर के काम कर सकती हैं, सुबह 9 बजे तक वह अपने पति को काम पर भेजने के बाद फ्री हो जाती हैं। 10 – 11 बजे तक वह डांस सीख सकती है और और 4 – 5 बजे से वह छोटे बच्चों को डांस सीखा सकती है ।

9. स्वयं को पुरस्कृत करें / Reward yourself

हमारा दिमाग उस काम को दोहराने का प्रयास करता है जो हमें उपलब्धि की भावना देता है। हम वोई काम बार बार करते है हो हमें किसी प्रकार की खुशी दे।  इसे हम  Reinforcement theory भी बोलते है। रएंफोर्रसमेंट सिद्धांत यह कहता है कि यदि हम व्यवहार के परिणामों को नियंत्रित करते हैं तो हम अपने व्यवहार को बदल सकते हैं। कुछ कठिन काम करने के बाद खुद को किसी तरह का इनाम दें। Ex: यदि आप समय सीमा के भीतर अपने उप लक्ष्य को पूरा करते हैं तो आप अपने पसंदीदा स्थान पर बढ़िया भोजन के लिए बाहर जाएंगे।  नियमित रूप से कुछ काम करने के 1 महीने बाद पिकनिक के लिए जाएंगे इत्यादि ।

10. 5 SEC rule / 5 sec नियम

यह एक बोनस टिप है। 5 SEC rule पुस्तक के अनुसार यह  नियम कहता है कि जब हम किसी कार्य के बारे में सोचते हैं, तो हमारा दिमाग 5 सेकंड के समय के भीतर सोचने लग जाता है। हम जितना सोचते है उतना ही काम को टालते है। 

इसलिए अगर आपको कुछ कठिन करना है, तो बस इसे 5 सेकंड के भीतर करना शुरू करें। जब आप काम शुरू करते हैं, तो आपका मन काम को सोचने की जगह काम को करने में ताकत लगाने लगता है। इससे पहले कि आपका मन आपको विचलित करने लगे और procrastination शुरू हो , आप काम में गति प्राप्त कर लेते है। आपको अच्छा लगने लगेगा कि कम से कम आपने शुरू कर दिया है। 

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